पर्यावरण, पारिस्थितिकी और जैवमंङल

पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व केवल जीवों पर ही निर्भर नहीं करता, बल्कि उनके आसपास के वातावरण और अन्य जीवों के साथ उनके संबंधों पर भी निर्भर करता है। जिसे एक शब्द में पर्यावरण और पारिस्थितिकी कहते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम पर्यावरण, पारिस्थितिकी और जैवमंडल के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

पर्यावरण  क्या है?

पर्यावरण की परिभाषा के तौर पर हम बचपन से पढते आ रहे हैं कि, “हमारे आस-पास जो भी चीजे मौजूद है वही पर्यावरण है।” यहां पर आस-पास की चीजों से तात्पर्य उन सभी चीजों से है, जिनसे आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से अंर्तसबंधित हो।

उदाहरण के तौर पर आपके आस-पास मौजूद छोटे से छोटा जीव, बड़े से बड़ा प्राणी, कोई इलेक्ट्रानिक डिवाइस, किताब, कपड़ा सभी पर्यावरण के अंश हैं।

पर्यावरण के प्रकार

पर्यावरण को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:-

1. प्राकृतिक पर्यावरण (Natural Environment)- प्राकृतिक पर्यावरण का अर्थ प्राकृतिक परिवेशों से है; अर्थात् भूमि, जल, वायु, पादप और जीव-जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण काे निर्मित करते हैं। इसके अंतर्गत स्थलमंडल, जलमडल, वायुमडल, जैवमंडल को समलित किया जाता है।

2. मानव निर्मित पर्यावरण (Man-made Environment)- मनुष्य ने प्राकृतिक पर्यावरण में रहते हुए अपनी आवश्यकताओं और सुविधाओं को ध्यान में रखकर कुछ निर्माण एवं परिवर्तन किये हैं। इस प्रकार, मानव द्वारा निर्मित परिदृश्य मानव निर्मित पर्यावरण कहलाता है।

फसल उत्पादन, वाणिज्यिक व्यापारिक संकुल, औद्योगिक संकुल एवं परिवहन संकुल आदि को इसके अंतर्गत शामिल किया जा सकता है।

पर्यावरण के संघटक 

पर्यावरण के घटकों को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बाँटा जाता है:-

  • जैविक संघटक (Biotic Components):- इसके अंतर्गत सभी जीवधारी आते हैं, जैसे- सूक्ष्मजीव (Micro-organism), पेड़-पौधे (Plants), जतु (Animals) आदि।
  • अजैविक या भौतिक संघटक (Abiotic Components):– इसके अंतर्गत जल, वायु, स्थल, खनिज तत्त्व आदि को शामिल किया जाता है।
  • ऊर्जा संघटक (Energy Components):- इसके अंतर्गत सौर ऊर्जा (Solar energy) तथा भू-तापीय ऊर्जा (Geothermal energy) को शामिल किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा ही पृथ्वी पर सभी जीवधारियों के लिये प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा का स्रोत है।

 पारिस्थितिकी तत्रं क्या है?

जीवों का उनके पर्यावरण (आपके आस-पास मौजूद चीजें) के बीच संबंध को ही पारिस्थितिकी कहते हैं। अर्थात्  जीव अपने पर्यावरण के साथ कैसे रहते हैं। जीव और पर्यावरण एक दूसरे से कैसे जुड़े हुए हैं और एक दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं।

पारिस्थितिकी तत्रं कितने प्रकार के होते है?

जलीय पारिस्थितिकी तंत्रः- पौधों और जतुओं की अनेक जातियाँ जल में पाई जाती है। जल की गुणवत्ता तथा प्रकार पर प्रजातियों क आधार निर्भर करता है। सागर, नदी, झील आदि इसमें सम्मिलित हैं। जल की गुणवत्ता के आधार पर जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को स्वच्छ जल, ज्वारनदमुख व सागरीय पारिस्थितिकी तंत्र में वर्गीकृत किया गया है।

* जलीय पारिस्थितिकी तंत्र –

  1. स्वच्छ जलीय पारिस्थितिकी तंत्रः- इस तंत्र को जल की स्थिरता व गतिशीलता के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जाता है।
  • प्रवाहित जलः- नदी, झरना आदि।
  • स्थिर जलः- तालाब, झील व दलदल आदि।

2. ज्वारनदमुख पारिस्थितिकी तत्रः- इस पारिस्थितिकी तंत्र का विकास उस क्षेत्र में होता है जहाँ नदियों द्वारा लाए गए स्वच्छ जल का मिश्रण खारे सागरीय जल से होता है। यहाँ स्थलखण्ड से बहाकर लाए गए पोषक तत्त्वों की अधिकता के साथ इस क्षेत्र में जल की गहराई कम होने के कारण सर्वाधिक उत्पादकता होती है। इस कारण यहाँ विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ एवं जीव-जंतु पाए जाते हैं।

3. सागरीय पारिस्थितिकी तंत्रः- सागरीय पारिस्थितिकी तंत्र में अंतः ज्वारीय पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार उच्च ज्वार तथा निम्न ज्वार के मध्य होता है। नैरेटिक पारिस्थितिकी तंत्र अधिकतम 200 मी. की गहराई तक विस्तृत होता है। गहन सागरीय क्षेत्र या बैन्थम जलीय क्षेत्र पारिस्थितिकी तंत्र का न्यून उत्पादक क्षेत्र है। अतः इसे जैविक मरुस्थल की सज्ञां दी जाती है।

* स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्रः-

इसके अंतर्गत वन, घास के मैदान तथा मरुस्थलीय क्षेत्र को सम्मिलित किया जाता है-

वन पारितंत्र• विषुवतीय सदाबहार वन
• उष्णकटिबंधीय वन
• भूमध्य सागरीय वन
• शीतोष्ण कटिबंधीय वन
• टैगा वन
• टुंड्रा वन
घास पारितंत्र• अर्द्धशुष्क महाद्वीपीय घास भूमि (स्टेपी, वेल्ड, कैपास)
• मध्य अक्षांशीय आर्द्र घास भूमि (प्रेयरी, पंपास, डाउंस, कैंटबरी, पुस्ताज)
मरुस्थलीय पारितंत्र• उष्णकटिबंधीय (Tropical)
• शीतोष्ण कटिबंधीय (Temperate)
• शीत कटिबंधीय

पारिस्थितिकी तंत्र के संघटक

जैविक तथा अजैविक घटकों की अंतः क्रिया द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होता है।

• जैविक घटकों के अंतर्गत उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटकों को सम्मिलित करते हैं। उत्पादक वे हैं जो अपना भोजन स्वयं निर्मित करते हैं अर्थात् ये स्वपोषित होते हैं। ये सौर्यिक प्रकाश की उपस्थिति में भोजन का निर्माण करते हैं। स्थलीय पारिस्थितिकी तत्र में स्वपोषित शाक, झाड़ी तथा वृक्ष, जबकि गहरे जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में फाइटोप्लैंकटन प्रमुख उत्पादक होते हैं। उपभोक्ता परपोषी जीव होता है जो भोजन के लिये उत्पादकों पर निर्भर होता है।

• उपभोक्ताओं को शाकाहारी, मांसाहारी तथा सर्वाहारी में वर्गीकृत करते हैं। वह उपभोक्ता जो भोजन के लिये पौधों पर निर्भर रहता है उसे प्राथमिक उपभोक्ता या शाकभक्षी कहते हैं, जैसे- खरगोश व हिरण।

• वह उपभोक्ता जो पोषण के लिये शाकभक्षी व अन्य प्राणियों पर निर्भर होता है उसे द्वितीयक उपभोक्ता या मांसाहारी कहते हैं, जैसे- शेर व बाज। सर्वाहारी उपभोक्ता उत्पादक, प्राथमिक व द्वितीयक उपभोक्ताओं से पाेषण ग्रहण करते है. जैसे मनुष्य।

• अजैव घटकों के अंतर्गत कार्बनिक पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, बसा तथा ह्यूमिक पदार्थ), अकार्बनिक पदार्थ (नाइट्रोजन, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड) को सम्मिलित करते है।

• सौर विकिरण तथा तापमान के द्वारा अजैविक परिस्थितियों का निर्माण होता है जिसके अंतर्गत जीवों में अंतःक्रिया होती है।

• अपघटक वे जीव होते हैं जो जतुओं एवं पौधों के मृत या अपघटक ऊतकों से अपना भोजन निर्मित करते हैं। इसमें बैक्टीरिया व कवक कों सम्मिलित करते हैं। इन्हें ‘प्रकृति का मेहत्तर’ (scavengers o the nature) कहा जाता है।

पारिस्थितिकी तंत्र के ये घटक आपस में अंतःक्रिया के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते है। सामान्यतः तंत्र का निर्धारण भौगोलिक स्तर पर किया जा सकता है किंतु कभी-कभी पारिस्थितिक तत्र एक-दूसरे से समकालिक होते हैं।

 जैवमंङल क्या है?

जैवमंडल पृथ्वी का वह भाग है जिसमें जीवन मौजूद है। यह वायुमंडल, जलमंडल और स्थलमंडल के कुछ हिस्सों को शामिल करता है। 

पर्यावरण और पारिस्थितिकी

जैवमंडल में विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र होते हैं, जैसे कि जंगल, घास के मैदान, रेगिस्तान, और महासागर।

 जैवमंङल के प्रकार

जैवमंडल को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनमें से कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:-

  1. स्थलीय जैवमंडल:- यह पृथ्वी की सतह पर मौजूद जैवमंडल का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं, जैसे कि जंगल, घास के मैदान, रेगिस्तान, और पर्वत।
  2. जलीय जैवमंडल:- यह पृथ्वी के जलमंडल में मौजूद जैवमंडल का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के जलीय पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं, जैसे कि समुद्र, महासागर, झीलें, और नदियाँ।
  3. वायुमंडलीय जैवमंडल:- यह पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद जैवमंडल का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव और अन्य जीव शामिल हैं जो वायु में रहते हैं।
  4. भूमिगत जैवमंडल:- यह पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद जैवमंडल का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव और अन्य जीव शामिल हैं जो मिट्टी और चट्टानों में रहते हैं।
  5. मानव-निर्मित जैवमंडल:- यह मानव द्वारा बनाए गए कृत्रिम वातावरण में मौजूद जैवमंडल का हिस्सा है, जैसे कि कृषि क्षेत्र, शहर, और शहरी क्षेत्र।

 जैवमंङल के संघटक

  •   अजैविक अथवा भौतिक संघटक (Abiotic or Physical Components)- अजैविक अथवा भौतिक संघटक के अंतर्गत पूरे जैवमंडल के अथवा जैवमंडल के किसी विशेष भाग के भौतिक पर्यावरण (Physical Environment) को शामिल किया जाता है। भौतिक संघटक में (a) स्थलमंडल (b) वायुमडल तथा (c) जलमंडल को शामिल किया जाता है।
  • जैविक संघटक (Biotic Component)- जैविक संघटक, जैवमंडल का महत्त्वपूर्ण भाग है जिसमें समस्त था जीवधारी सम्मिलित है। जैविक संघटक में तीन उपतंत्र सम्मिलित हैं (1) ही पादप तत्र (Plant System), (2) जंतु तंत्र (Animal System) और (3) को सूक्ष्मजीव तंत्र (Micro-organism system)  

पर्यावरण और पारिस्थितिकी और जैवमंङल में अंतर

पर्यावरण जीवों के चारों ओर मौजूद सभी चीजों को शामिल करता है, जबकि पारिस्थितिकी जीवों और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन करती है।

जैवमंडल पृथ्वी का वह भाग है जिसमें जीवन मौजूद है, जबकि पर्यावरण और पारिस्थितिकी जैवमंडल के घटक हैं।

पर्यावरण स्थानीय, क्षेत्रीय या वैश्विक हो सकता है, जबकि पारिस्थितिकी और जैवमंडल वैश्विक स्तर पर अध्ययन किए जाते हैं।

पर्यावरणजीवों के चारों ओर मौजूद सभी चीजें।
पारिस्थितिकीजीवों और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन।
जैवमंडलपृथ्वी का वह भाग जिसमें जीवन मौजूद है।

उदाहरण:-

एक जंगल में, पेड़, पौधे, जानवर, सूक्ष्मजीव, जल, वायु, मिट्टी और तापमान सभी पर्यावरण के घटक हैं।

जंगल में जीवों और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन पारिस्थितिकी का एक उदाहरण है।

जंगल जैवमंडल का एक हिस्सा है।

Thankyou!

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