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Operation Twist – अर्थ, उत्पत्ति, प्रभाव और लाभ।

“Operation Twist” भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक मौद्रिक नीति रणनीति है।

इसका उद्देश्य दीर्घकालिक ब्याज दरों को कम करके आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

Operation Twist क्या हैं?

जब आर्थिक परिस्थितियों प्रतिकूल होती हैं, तब ऐसे में बैंकिंग व्यवस्था में तरलता कम होने के कारण ब्याज दर में बढ़ोतरी हो जाती है।

अतः प्रतिभूतियों बेंच आरबीआई भी सरकार के लिए ज्यादा ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करती है।

इससे न सिर्फ सरकार के ऊपर उच्च ब्याज दर का भार बढ़ता है, बल्कि यह अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी ब्याज का आधार बन जाता है। उन्हें भी ऋण, महंगे दर पर प्राप्त होते हैं।

भविष्य में जब आर्थिक परिस्थितियों अनुकूल हो जाए। अर्थव्यवस्था में मुद्रा का प्रवाह बढ़ जाए। तब केंद्रीय बैंक Operation Twist के माध्यम से समस्या को दूर करती है।

इसके तहत केंद्रीय बैंक उन प्रतिभूतियों को बैंकों से वापस खरीदती है, जिन पर उन्हें उच्च दर पर ब्याज दिया जाता जा रहा था।

पुनः नई प्रतिभूतियाँ बेचकर कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर लेती है। इससे न सिर्फ सरकार पर ब्याज का भार कम होता है, बल्कि अन्य उपभोक्ताओं पर भी ब्याज का भार कम हो जाता है।

Operation Twist की उत्पत्ति

ऑपरेशन ट्विस्ट की उत्पत्ति 1961 में अमेरिका में हुई थी। उस समय, अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही थी।

Operation Twist की उत्पत्ति

इस समय फेडरल रिजर्व (Fed, जो अमेरिका का केंद्रीय बैंक है) को ब्याज दरों को कम करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने का एक तरीका खोजने की आवश्यकता थी।

Fed ने ऑपरेशन ट्विस्ट नामक एक नई मौद्रिक नीति रणनीति शुरू करने का फैसला किया।

इस रणनीति में Fed ने खुले बाजार में दीर्घकालिक सरकारी बॉन्ड खरीदे और अल्पकालिक सरकारी बॉन्ड बेच दिए।

ऑपरेशन ट्विस्ट के प्रभाव

ऑपरेशन ट्विस्ट एक जटिल मौद्रिक नीति उपकरण है जिसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हो सकते हैं।

1. सकारात्मक प्रभाव-

  • दीर्घकालिक ब्याज दरों में कमी:- यह निवेश को प्रोत्साहित करता है, क्योंकि कंपनियों और व्यक्तियों के लिए ऋण लेना सस्ता हो जाता है।
  • आर्थिक विकास में वृद्धि:- निवेश में वृद्धि से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि होती है।
  • मुद्रास्फीति में कमी:- कम ब्याज दरें खर्च को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे मांग में वृद्धि हो सकती है और कीमतों पर दबाव कम हो सकता है।
  • ब्याज दर वक्र को शांत करना:- ऑपरेशन ट्विस्ट अल्पकालिक और दीर्घकालिक ब्याज दरों के बीच के अंतर को कम कर सकता है, जिससे ब्याज दर वक्र अधिक स्थिर हो सकता है।

2. नकारात्मक प्रभाव:-

  • मुद्रास्फीति में वृद्धि:- यदि RBI बहुत अधिक जी-सेक खरीदता है, तो इससे धन की आपूर्ति में वृद्धि हो सकती है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
  • वित्तीय स्थिरता को जोखिम:- कम ब्याज दरें जोखिमपूर्ण उधार को प्रोत्साहित कर सकती हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली अस्थिर हो सकती है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रभाव:- जब RBI जी-सेक खरीदता है, तो वह विदेशी मुद्रा बेचता है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार कम हो सकते हैं।
  • आयात महंगा हो सकता है:- कम ब्याज दरें रुपये को कमजोर कर सकती हैं, जिससे आयात महंगा हो सकता है।

ऑपरेशन ट्विस्ट के क्या लाभ हैं?

ऑपरेशन ट्विस्ट के कई संभावित लाभ हैं। इनमें से कुछ प्रमुख लाभों में शामिल हैं-

1. दीर्घकालिक ब्याज दरों में कमी:-

यह निवेश को प्रोत्साहित करता है क्योंकि कंपनियों और व्यक्तियों के लिए ऋण प्राप्त करना सस्ता हो जाता है।

इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है, रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि हो सकती है।

2. मुद्रास्फीति में कमी:-

कम ब्याज दरें खर्च को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे मांग में वृद्धि हो सकती है और कीमतों पर दबाव कम हो सकता है।

3. वित्तीय बाजारों में स्थिरता:-

ऑपरेशन ट्विस्ट अल्पकालिक और दीर्घकालिक ब्याज दरों के बीच के अंतर को कम कर सकता है, जिससे ब्याज दर वक्र अधिक स्थिर हो सकता है।

effect of  operation twist

यह वित्तीय बाजारों में अस्थिरता को कम करने में मदद कर सकता है।

4. सरकार के लिए उधार लेने की लागत कम:-

जब RBI दीर्घकालिक सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को खरीदता है, तो यह सरकार के लिए उधार लेने की लागत को कम कर सकता है।

5. बैंकिंग प्रणाली में तरलता में वृद्धि:-

RBI अल्पकालिक जी-सेक बेचकर बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ा सकता है। यह बैंकों के लिए ऋण देना आसान बना सकता है।

भारतीय संदर्भ में ऑपरेशन ट्विस्ट

ऑपरेशन ट्विस्ट एक मौद्रिक नीति उपकरण है जिसका उपयोग भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने के लिए करता है।

इसका मुख्य उद्देश्य दीर्घकालिक ब्याज दरों को कम करना है, जिससे निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

ऑपरेशन ट्विस्ट कैसे काम करता है?

RBI खुले बाजार में दीर्घकालिक सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) खरीदता है।

जी-सेक खरीदने के लिए, RBI अल्पकालिक जी-सेक बेचता है।

नोटः-

  • RBI ने पहली बार 2013 में ऑपरेशन ट्विस्ट का उपयोग किया था।
  • 2020 में, COVID-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद RBI ने फिर से ऑपरेशन ट्विस्ट का उपयोग किया।
  • 2023 में, मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण RBI ने ऑपरेशन ट्विस्ट का उपयोग बंद कर दिया।

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