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अवस्फिति (Disinflation)- परिभाषा, कारण और प्रभाव-

“Hello Friends, इस लेख में “अवस्फिति” (Disinflation) के सभी पक्षों का वर्णन किया गया है। हम आशा करते हैं कि हमारा लिखने का तरीका आपको समझने मे सहायता करेगा। लेख को पूरा पढें और Comment में Feedback जरूर दें। Thankyou!”

अवस्फिति (Disinflation) क्या है?

अवस्फिति भी मुद्रास्फीति का एक प्रारूप है, अवस्फिति में भी मूल्य में बढ़ोतरी तो होती है, परंतु बढ़ोतरी के इस दर में निरंतर कमी उत्पन्न होती है। अन्य शब्दों में कहा जाए तो हम यह कह सकते हैं, कि मुद्रास्फीति के गति में कमी को अवस्फिति कहते हैं।

उदाहरण – यदि हर बार महगांई 10% के दर से या 10% की दर से अधिक दर से बढती है, तो यह मुद्रास्फिति की सामान्य दशा होगी, परंतु यदि मुद्रास्फिति पहली बार 10% फिर दूसरी बार 8% तीसरी बार 5% इस तरह से यदि महगांई दर में निरंतर कमी देखी जाए, तो यह मुद्रास्फिति की अवस्फिति की दशा होगी।

Note- क्योंकि मुद्रास्फिति का संबध महगांई से है, और अवस्फिति में मुद्रास्फिति कुछ न कुछ अवश्य बढता है लेकिन, चूकि अवस्फिति का संबध महगांई में निरंतर कमी से है, इसलिए हम यह कह सकते हैं, कि अवस्फिति की प्रत्येक दशा, मुद्रास्फिति की दशा है, परंतु मुद्रास्फीति की प्रत्येक दशा अवस्फति की दशा नहीं है।

अवस्फिति के कारण (Causes of disinflation)-

अवस्फिति के विभिन्न कारण हो सकते हैं, और इसके कारण अनेक प्रकार की समस्याएं भी हो सकती हैं। यहाँ कुछ सामान्य कारण दिए जा रहे हैं:–

आर्थिक कारण:- अधिक उत्पादन, अप्रत्याशित वित्तीय घाटा, व्यापारिक निर्णयों में गलतियों के कारण आर्थिक संकट हो सकता है, जो अवस्फिति का कारण बनता है।

वित्तीय अस्थिरता:– बाजार के अशांति, बदलते बाजार की स्थिति, ब्याज दरों की उछाल, निवेशकों की संतुलित वित्तीय स्थिति में विपरीतता, इत्यादि कारणों से अवस्फिति हो सकती है।

राजनीतिक और सामाजिक कारण:- राजनीतिक अस्थिरता, अव्यवस्थितता, अशांति, आंतरिक या बाहरी युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद, अशांति या सामाजिक विवाद इत्यादि के कारण अवस्फिति हो सकती है।

प्राकृतिक आपदाएं:- भूकंप, तूफान, बाढ़, सूखा, बारिश की अत्यधिक मात्रा इत्यादि प्राकृतिक आपदाएं अवस्फिति का कारण बन सकती हैं।

अन्य कारण:- तकनीकी खामियों, अव्यवस्थित उत्पादन, उत्पाद की गुणवत्ता में कमी, निर्माण गलतियाँ, नियंत्रणहीनता, आदि भी अवस्फिति के कारण हो सकते हैं।

इन सभी कारणों के संयोग से व्यावसायिक, आर्थिक, सामाजिक, और प्राकृतिक अवस्थाओं में अवस्फिति होती है।

अवस्फिति का प्रभाव(Effects of disinflation)-

अवस्फिति का प्रभाव व्यापार, आर्थिक, सामाजिक, और व्यक्तिगत स्तर पर हो सकता है। इसके कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:–

आर्थिक प्रभाव:- अवस्फिति से बाजार में अस्थिरता और अव्यवस्था आ सकती है, जिससे व्यवसायों की कार्यक्षमता में कमी होती है और उनकी लाभ क्षमता प्रभावित हो सकती है। यह आर्थिक वृद्धि और रोजगार के अवसरों में भी धीमा कर सकता है।

व्यावसायिक प्रभाव:- अवस्फिति के कारण व्यवसायों की स्थिरता प्रभावित हो सकती है, जिससे उत्पादन में विराम, निवेशों की कमी, और उत्पाद की गुणवत्ता में कमी हो सकती है।

सामाजिक प्रभाव:- अवस्फिति से समाज में अस्थिरता, आत्मविश्वास की कमी, और असुरक्षा की भावना हो सकती है। यह सामाजिक संतुलन और सहयोग को प्रभावित कर सकता है।

व्यक्तिगत प्रभाव:- अवस्फिति से व्यक्तिगत स्तर पर स्थायित्व, संघर्ष, और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। इससे लोगों का आत्मविश्वास कम हो सकता है और स्थायित्व के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

अवस्फिति का प्रभाव समूचे समाज और अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर होता है और इसे समझकर और उसका सामना करने के लिए उचित उपायों को अपनाना महत्वपूर्ण होता है।

Deflation vs Disinflation

डिफ्लेशन और डिसिन्फ्लेशन दो अलग-अलग आर्थिक स्थितियों को दर्शाते हैं।

डिफ्लेशन (Deflation):-

  • डिफ्लेशन एक ऐसी आर्थिक स्थिति होती है जब वस्तुओं और सेवाओं की मूल्यांकन में नकारात्मक वृद्धि होती है।
  • इसमें अनुमानित मूल्य स्तरों की गिरावट होती है और मूल्य स्तर अचानक और तेजी से कम हो जाता है।
  • डिफ्लेशन के कारण हो सकते हैं वित्तीय मंदी, कम व्यापार, बदलते आपूर्ति और मांग नियमों में परिवर्तन आदि।

डिसिन्फ्लेशन (Disinflation):-

  • डिसिन्फ्लेशन भी एक आर्थिक स्थिति होती है, जिसमें मूल्य स्तरों की वृद्धि होती है, लेकिन इस वृद्धि की दर कम होती है जब इसे पहले की तुलना में अधिक रूप से तेजी से नहीं होती।
  • इसमें मूल्यों की गति को नियंत्रित किया जाता है, लेकिन मूल्य स्तरों में गिरावट नहीं होती।
  • डिसिन्फ्लेशन के कारण हो सकते हैं केंद्रीय बैंक की मोनेटरी नीति, सरकारी कार्यवाही या व्यापारिक संवेदनशीलता का कम होना।

इस प्रकार, डिफ्लेशन और डिसिन्फ्लेशन दोनों ही आर्थिक स्थितियों को दर्शाते हैं, लेकिन इनमें अंतर उनकी मूल्य स्तरों की वृद्धि की दर में होता है।

Inflation vs Disinflation-

इन्फ्लेशन (Inflation) और डिसिन्फ्लेशन (Disinflation) दो विभिन्न आर्थिक स्थितियों को दर्शाते हैं।

इन्फ्लेशन (Inflation):–

  • इन्फ्लेशन एक आर्थिक स्थिति है जब वस्तुओं और सेवाओं की मूल्यांकन में सकारात्मक वृद्धि होती है।
  • इसमें अनुमानित मूल्य स्तरों की बढ़त होती है और मूल्य स्तर बाजार में सामान्य रूप से तेजी से बढ़ता है।
  • इन्फ्लेशन के कारण हो सकते हैं बढ़ती मांग, कमी या संशोधित आपूर्ति, मूल्य श्रृंखला में वृद्धि, वित्तीय तंत्र में नकारात्मक प्रभाव आदि।

डिसिन्फ्लेशन (Disinflation):–

  • डिसिन्फ्लेशन भी एक आर्थिक स्थिति है, लेकिन इसमें मूल्य स्तरों की वृद्धि होती है, लेकिन इस वृद्धि की दर कम होती है जब इसे पहले की तुलना में अधिक रूप से तेजी से नहीं होती।
  • इसमें मूल्यों की गति को नियंत्रित किया जाता है। लेकिन मूल्य स्तरों में गिरावट नहीं होती।
  • डिसिन्फ्लेशन के कारण हो सकते हैं केंद्रीय बैंक की मोनेटरी नीति, सरकारी कार्यवाही या व्यापारिक संवेदनशीलता का कम होना।

इस प्रकार, इन्फ्लेशन और डिसिन्फ्लेशन दोनों ही आर्थिक स्थितियों को दर्शाते हैं, लेकिन इनमें अंतर उनकी मूल्य स्तरों की वृद्धि की दर में होता है।

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