भारत में बैंकों के राष्ट्रीयकरण का इतिहास

राष्ट्रीयकरण से तात्पर्य एक ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें निजी इकाई को सरकार के स्वामित्व में ला दिया जाता है। आजादी के दौरान भारत में कार्यरत सभी बैंक निजी क्षेत्र के थे। बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी चरम पर थी। बैंक जमा कर्ता की जमा राशि लेकर भाग जाते थे।

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